हर साल टैक्स का सीजन आते ही हमारे सामने सवाल खड़ा हो जाता है कि कैसे अपने टैक्स को कम किया जाए. सरकार कई तरह के छूट और कटौतियों का प्रावधान देती है, जिनका लाभ उठाकर आप अपनी टैक्स देनदारी घटा सकते हैं. आइए, आज ऐसे ही कुछ आसान टिप्स पर नज़र डालते हैं।
निवेश के जरिए कर बचत (Tax Saving through Investments):
- धारा 80C के तहत छूट: इस धारा के तहत विभिन्न निवेश विकल्पों पर मिलने वाली छूट का लाभ उठाएं. इसमें पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF), एम्पलॉई प्रोविडेंट फंड (EPF), नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS), सुकन्या समृद्धि योजना (SSY), इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ELSS), यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान (ULIP) आदि शामिल हैं. इनमें निवेश कर सालाना अधिकतम 1.5 लाख रुपये तक की छूट पा सकते हैं।
- हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम: अपने और अपने परिवार के लिए किए गए हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर धारा 80D के तहत छूट का लाभ लें. 60 साल से कम वालों के लिए अधिकतम 25,000 रुपये और 60 साल से अधिक वालों के लिए 50,000 रुपये तक की छूट मिलती है.
- होम लोन का ब्याज: अगर आपने होम लोन लिया है, तो चुकाए गए ब्याज पर धारा 24B के तहत छूट का दावा कर सकते हैं. अधिकतम 2 लाख रुपये तक की छूट मिलती है।
अन्य खर्चों पर कटौती (Deductions on Other Expenses):
- शिक्षा लोन का ब्याज: खुद के, जीवनसाथी के या बच्चों के शिक्षा लोन पर दिए गए ब्याज पर धारा 80E के तहत छूट पा सकते हैं.
- ** दान:** दान में दी गई राशि पर आयकर अधिनियम की धारा 80G के तहत छूट का लाभ मिलता है. कुछ खास संस्थाओं को किए गए दान पर 100% तक की छूट मिल सकती है।
- अन्य कटौतियां: यात्रा भत्ता, चिकित्सा व्यय, पेशेवर खर्च आदि पर भी कुछ शर्तों के तहत कटौती का दावा किया जा सकता है।
अन्य खर्चों पर छूट पाएं (Tax Saving through Other Expenses):
- धारा 80D: अपने या आश्रितों के मेडिकल खर्च पर छूट. दिव्यांग आश्रितों के लिए विशेष छूट.
- धारा 80DD: गंभीर बीमारी के इलाज पर हुए खर्च पर छूट.
- धारा 80E: शिक्षा ऋण के ब्याज पर छूट.
- धारा 80G: दान पर छूट. कुछ संस्थाओं को किए गए दान पर अधिक छूट
कुछ अतिरिक्त बातें:
- अपने निवेश और खर्चों का रिकॉर्ड रखें (Keep Track of Expenses):: टैक्स रिटर्न दाखिल करते समय आपको इन दस्तावेजों की जरूरत पड़ेगी.
- बिलों को संभाल कर रखें: मेडिकल बिल, हाउस रेंट पेमेंट रसीदें, चैरिटी डोनेशन के प्रमाण आदि संभाल कर रखें. ये भविष्य में टैक्स रिटर्न दाखिल करते समय काम आएंगे.
- ट्रांसपोर्टेशन खर्च: अगर आप अपने वाहन का इस्तेमाल ऑफिस के लिए करते हैं तो उसके रख-रखाव और ईंधन पर हुए खर्चों को भी टैक्स में छूट के लिए क्लेम कर सकते हैं.
- समय रहते टैक्स प्लानिंग करें: साल के अंत में जल्दबाजी में निवेश करने से बचें. वित्तीय वर्ष की शुरुआत से ही टैक्स प्लानिंग कर लें।
- टैक्स कानून जटिल हो सकते हैं: किसी भी निवेश से पहले या कटौती का दावा करने से पहले वित्तीय सलाहकार से सलाह लें.
ध्यान दें: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है. यह किसी भी तरह से पेशेवर वित्तीय सलाह का विकल्प नहीं है. अपनी विशिष्ट परिस्थितियों के अनुसार हमेशा एक योग्य वित्तीय सलाहकार से सलाह लें.